radha ashtami 2024
कौन है राधा रानी और क्यों मनाई जाती है राधा अष्टमी ! आखिर क्या विशेषता है राधा अष्टमी की! इस बार कब मनाई जा रही है राधा अष्टमी ! आइये जानते है !
राधा रानी को ब्रिज की रानी भी कहा जाता है ! राधा रानी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है इसलिए उनके नाम से पहले श्री लगाते हैं !श्री का मतलब होता है लक्ष्मी ! राधा रानी भक्ति एवं प्रेम का स्वरुप है! कहते है अगर भगवन को पाना है तो उन्हें पाने का मार्ग सिर्फ भक्ति और प्रेम ही है जो की राधा रानी में अटूट था जिसकी बदौलत राधा रानी ने भगवान श्री कृष्ण का समरण किया और उन्हें पा लिया !भगवन कृष्ण और राधा रानी जी का अटूट सम्बन्ध है और कहते है अगर भगवन कृष्ण को पाना है तो राधा राधा जपना चाहिए ! तभी तो एक सुप्रसिद्ध भजन गायक ने अपने भजन में कहा है राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी !
राधा रानी ने अपने जीवन के अंतिम पलो में भी भगवान कृष्ण को याद किया और अपने अंतिम क्षण में श्री कृष्ण से मुरली सुनने की इच्छा जताई और तब श्री कृष्ण जी ने उनके लिए तब तक अपनी बांसुरी बजाई जब तक जब तक श्री राधा रानी ने इस दुनिया को रुक्सत नहीं बोल दिया। और उसके बाद श्री कृष्ण जी ने राधा रानी के वियोग में अपनी बांसुरी तोड़ दी और फिर कभी नहीं बजाई।
radha ashtami 2024
radha ashtami को भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के सभी भगत श्री राधा रानी के जन्म दिन के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है। राधा रानी का जन्म भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। radha ashtami के दिन लोग राधा रानी के नाम का व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है की radha ashtami के दिन उनके 28 नामों का जाप करने से एवं उनकी पूजा करने से साधक को सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और दुखों से छुटकारा मिलता है ।
श्री राधा जी के जिन 28 नामों से उनका गुणगान किया जाता है वे इस प्रकार हैं-
राधा,
रासेश्वरी,
रम्या,
कृष्णमत्राधिदेवता,
सर्वाद्या,
सर्ववन्द्या,
वृन्दावनविहारिणी,
वृन्दाराधा,
रमा,
अशेषगोपीमण्डलपूजिता,
सत्या,
सत्यपरा,
सत्यभामा,
श्रीकृष्णवल्लभा,
वृषभानुसुता,
गोपी,
मूल प्रकृति,
ईश्वरी,
गान्धर्वा,
राधिका,
अभ्या
रुक्मिणी,
परमेश्वरी,
परात्परतरा,
पूर्णा,
पूर्णचन्द्रविमानना,
भुक्ति-मुक्तिप्रदा और
भवव्याधि-विनाशिनी।
सभी भक्तजनों को जय श्री राधे राधे ……..